दिल्ली की अनाजमंडी में रविवार को लगी आग के मामले में पुलिस ने इमारत के मालिक रेहान को हिरासत में ले लिया है। इस अग्निकांड में 43 लोगों की मौत हुई है। पुलिस ने उसपर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और धारा 285 (आग या ज्वलनशील पदार्थ के संदर्भ में लापरवाही) के तहत मामला दर्ज किया है। बता दें कि धारा 304 का इस्तेमाल गैरइरादतन हत्या के लिए किया जाता है और दोषी साबित होने पर 10 वर्ष की जेल या आजीवन कारावास और आर्थिक दंड का प्रावधान है।
अवैध तरीके से घरों में चलाई जा रही हैं फैक्ट्रियां
बताया जा रहा है कि पुरानी दिल्ली के फिल्मिस्तान इलाके में अवैध तरीके से घरों में फैक्ट्रियां चलाई जा रही हैं। कई इमारत तो मानक ऊंचाई से ज्यादा ऊंची बनी हुई हैं। इतना ही नहीं फैक्ट्री चलाने के लिए फायर डिपार्टमेंट से एनओसी की जरूरत होती है लेकिन यहां की फैक्ट्रियों ने ऐसी कोई अनुमति नहीं ली है। यहां की गलियां बेहद सकरी होने के कारण इनमें बनी इमारतों में अगर हादसा हो जाए तो लोगों को भागने का रास्ता तक नहीं मिलेगा और वे बेमौत मारे जाएंगे। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि इस घटना में ज्यादातर लोगों की मौत दम घुटने से हुई है।
प्रधानमंत्री ने भी दिया मृतकों के परिजनों को मुआवजा
इस हादसे में मारे गए लोगों के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 10-10 लाख और घायलों के लिए एक-एक लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। वहीं प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे। भाजपा के नेता मनोज तिवारी ने भी मृतकों के लिए 5-5 लाख की मदद राशि का ऐलान किया है। इसके साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपने राज्य के मृतकों के लिए 2-2 लाख की वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया।
अपराधियों को मिलेगी कड़ा दंड : मुख्यमंत्री
बताया गया है कि पहली नजर में पता चलता है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी। वहां प्लास्टिक की मात्रा ज्यादा थी इसलिए आग तेजी से फैलती चली गई। दिल्ली सरकार ने इस घटना की मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस घटना के पीछे जो भी लोग दोषी होंगे उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाएंगे।
सात दिनों के भीतर मांगी रिपोर्ट
दिल्ली सरकार ने अनाज मंडी क्षेत्र की फैक्ट्री में लगी आग की घटना में जांच के आदेश देते हुए सात दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है। दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने जिला मजिस्ट्रेट (मध्य) को जांच करने और सात दिन के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया